या नबी सलाम अलैका या रसूल सलाम अलैका लिरिक्स
शायरों के नाम उनके कलाम के साथ दिए गए हैं
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१. जनाब अकबर अली शाह वारसी 1852- 1953
या नबी सलाम अ़लैका या रसूल सलाम अ़लैका
या हबीब सलाम अ़लैका सलावातुल्लाह अ़लैका
फ़ख़्रे आदम फ़ख़्रे हव्वा, फ़ख़्रे नूह ओ फ़ख़्रे यहया
फ़ख़्रे इब्राहीम ओ मूसा, फ़ख़्रे इस्माईल ओ ईसा
या नबी सलाम अ़लैका या रसूल सलाम अ़लैका
या हबीब सलाम अ़लैका सलावातुल्लाह अ़लैका
रहमतों के ताज वाले, दो जहां के राज वाले
अ़र्श की मेराज वाले, आसिओं की लाज वाले
या नबी सलाम अ़लैका या रसूल सलाम अ़लैका
या हबीब सलाम अ़लैका सलावातुल्लाह अ़लैका
है ये हसरत दर पे आएं, अश्क के दरिया बहाएं
दाग़ सीने के दिखाएं, सामने होकर सुनाएं
या नबी सलाम अ़लैका या रसूल सलाम अ़लैका
या हबीब सलाम अ़लैका सलावातुल्लाह अ़लैका
पूरी या रब यह दुआ़ कर, हम दर-ए मौला पे जाकर
पहले कुछ नातें सुना कर, यूं पढ़ें सर को झुका कर
या नबी सलाम अ़लैका या रसूल सलाम अ़लैका
या हबीब सलाम अ़लैका सलावातुल्लाह अ़लैका
बख़्श दो जो चीज चाहो, क्योंके महबूब ए ख़ुदा हो
अब तो बाब ए जूद वा हो, हां जवाब इसका अ़ता हो
या नबी सलाम अ़लैका या रसूल सलाम अ़लैका
या हबीब सलाम अ़लैका सलावातुल्लाह अ़लैका
रंज ओ ग़म खाए हुए हैं, दूर से आए हुए हैं
तुम पर इतराए हुए हैं, हाथ फैलाए हुए हैं
या नबी सलाम अ़लैका या रसूल सलाम अ़लैका
या हबीब सलाम अ़लैका सलावातुल्लाह अ़लैका
जानकर काफ़ी सहारा, ले लिया है दर तुम्हारा
ख़ल्क के वारिस ख़ुदारा, लो सलाम अब तो हमारा
या नबी सलाम अ़लैका या रसूल सलाम अ़लैका
या हबीब सलाम अ़लैका सलावातुल्लाह अ़लैका
हां यह पूरा मुद्दआ़ हो, हम हों दरबार ए ख़ुदा हो,
तुम उधर जलवा नुमा हो, इस तरफ़ से यह सदा हो
या नबी सलाम अ़लैका या रसूल सलाम अ़लैका
या हबीब सलाम अ़लैका सलावातुल्लाह अ़लैका
अकबर ए शैदा तुम्हारा, फिर रहा है मारा मारा
जा-ब-जा तुमको पुकारा, सुन लो अब इसकी ख़ुदारा
या नबी सलाम अ़लैका या रसूल सलाम अ़लैका
या हबीब सलाम अ़लैका सलावातुल्लाह अ़लैका
आशिक़ ए माइल की सुन लो, बानी ए महफ़िल की सुन लो
सामयीं के दिल की सुन लो अकबर ए बिस्मिल की सुन लो
या नबी सलाम अ़लैका या रसूल सलाम अ़लैका
या हबीब सलाम अ़लैका सलावातुल्लाह अ़लैका
आप शाहे इंसो जां हैं, वारिस ए कौनो मकां हैं
रहनुमा ए दो जहां हैं, पेशवा ए मुरसलां हैं
या नबी सलाम अ़लैका या रसूल सलाम अ़लैका
या हबीब सलाम अ़लैका सलावातुल्लाह अ़लैका
नूर ए रब्बुल आलमीं हो, जलवा ए हक़क़ुल-यक़ी हो
सरवर ए दुनिया ओ दीं हो, दिल में आंखों में मकीं हो
या नबी सलाम अ़लैका या रसूल सलाम अ़लैका
या हबीब सलाम अ़लैका सलावातुल्लाह अ़लैका
बादशाह ए अंबिया हो, नूर ए ज़ात ए किबरिया हो
हामी ए रोज़े जज़ा हो, ख़ल्क़ के मुश्किल कुशा हो
या नबी सलाम अ़लैका या रसूल सलाम अ़लैका
या हबीब सलाम अ़लैका सलावातुल्लाह अ़लैका
अर्श ए आज़म पर तुम्हीं हो, ख़ल्क़ के रहबर तुम्हीं हो
स़ाक़ी ए कौस़र तुम्हीं हो, शाफ़ए महशर तुम्हीं हो
या नबी सलाम अ़लैका या रसूल सलाम अ़लैका
या हबीब सलाम अ़लैका सलावातुल्लाह अ़लैका
क़ाबिल ए मद्हो-सना हो, जो लिखूं उससे सिवा हो
आपकी तौसीफ़ क्या हो, यानी मह़बूब-ए ख़ुदा हो
या नबी सलाम अ़लैका या रसूल सलाम अ़लैका
या हबीब सलाम अ़लैका सलावातुल्लाह अ़लैका
दूर है ग़म का किनारा, सरवर-ए आलम ख़ुदारा
दीजिए जल्दी सहारा, पार हो बेड़ा हमारा
या नबी सलाम अ़लैका या रसूल सलाम अ़लैका
या हबीब सलाम अ़लैका सलावातुल्लाह अ़लैका
मेरे मौला मेरे सरवर, है यही अरमान ए अकबर,
पहले क़दमों पे रखे सर, फिर कहे यह सर उठा कर
या नबी सलाम अ़लैका या रसूल सलाम अ़लैका
या हबीब सलाम अ़लैका सलावातुल्लाह अ़लैका
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२. जनाब मुफ़्ती अहमद या खां नईमी साहब 1904 – 1971
आज वह तशरीफ़ लाया, जिसने रातों को हंसाया
जिसने जल्तों को बुझाया, जिसने बिगड़ो को बनाया
या नबी सलाम अ़लैका या रसूल सलाम अ़लैका
या हबीब सलाम अ़लैका सलावातुल्लाह अ़लैका
अर्श ए आज़म का सितारा, फर्श वालों का सहारा
आमना बी का दुलारा, हक़ तआ़ला का पेयारा
या नबी सलाम अ़लैका या रसूल सलाम अ़लैका
या हबीब सलाम अ़लैका सलावातुल्लाह अ़लैका
दो जहां का राज वाला, तख़्त वाला ताज वाला
बेकसों की लाज वाला, सारी दुनिया का उजाला
या नबी सलाम अ़लैका या रसूल सलाम अ़लैका
या हबीब सलाम अ़लैका सलावातुल्लाह अ़लैका
तुम बहार ए बाग़ ए आलम, तुम नवीद ए इब्ने मरियम
तुम पे क़ुर्बां सारा आलम, आदम ओ औलाद ए आदम
या नबी सलाम अ़लैका या रसूल सलाम अ़लैका
या हबीब सलाम अ़लैका सलावातुल्लाह अ़लैका
तुम बिना ए दो सरा हो, काबा वाले की दुआ़ हो
तुम ही सबके मुद्दआ़ हो, जां न क्यूं तुम पर फ़िदा हो
या नबी सलाम अ़लैका या रसूल सलाम अ़लैका
या हबीब सलाम अ़लैका सलावातुल्लाह अ़लैका
आप हैं वहदत के मज़हर, आप हैं कसरत के मसदर
आप अव्वल आप आख़िर, क़िब्ला-ए दिल आप का दर
या नबी सलाम अ़लैका या रसूल सलाम अ़लैका
या हबीब सलाम अ़लैका सलावातुल्लाह अ़लैका
आपके होकर जिएं हम, नाम ए नामी पर मरें हम
जब क़यामत में उठें हम, अर्ज़ इस तरहें करें हम
या नबी सलाम अ़लैका या रसूल सलाम अ़लैका
या हबीब सलाम अ़लैका सलावातुल्लाह अ़लैका
अर्ज़ है सालिक की आक़ा, जां कनी का हो ये नक़्शा
सामने हो पाक रौज़ा, और लबों पर हो ये कलमा
या नबी सलाम अ़लैका या रसूल सलाम अ़लैका
या हबीब सलाम अ़लैका सलावातुल्लाह अ़लैका
३. जनाब मेराज क़दीर वारसी
आपकी ज़ात-ए-मुकर्रम बाइस-ए तख़लीक़ ए आलम
आप पर ऐ फ़ख़्रे आदम हो सलामे पाक पैहम
या नबी सलाम अलेका या रसूल सलाम अलेका
या हबीब सलाम अलेका सलावत उल्ला अलेका
सुब्हो सादिक़ का वोह मंजर और् वोह मीलादे-पयंबर
बुलबुले सिदरा के लब पर था ये नग़मा रूह-परवर
या नबी सलाम अलेका या रसूल सलाम अलेका
या हबीब सलाम अलेका सलावत उल्ला अलेका
रुख़ बहारे सुब्हे क़ुदरत जुल्फे शबगूं शामे जन्नत
दिल सरासर राज़े वहदत आईनादारे हक़ीक़त
या नबी सलाम अलेका या रसूल सलाम अलेका
या हबीब सलाम अलेका सलावत उल्ला अलेका
अव्वलो आख़िर तुम्हीं हो बातिनो ज़ाहिर तुम्हीं हो
हाज़िरो नाज़िर तुम्हीं हो दीन के नासिर तुम्हीं हो
या नबी सलाम अलेका या रसूल सलाम अलेका
या हबीब सलाम अलेका सलावत उल्ला अलेका
बारिशे लुत्फ़ो करम है ख़न्दाज़न हर अहले ग़म है
आमदे शाहे उमम है अब जो कुछ मिल जाए कम है
या नबी सलाम अलेका या रसूल सलाम अलेका
या हबीब सलाम अलेका सलावत उल्ला अलेका
हर तरफ़ जल्वे नुमायां हर तरफ़ शम्मे फ़रोज़ां
अ़र्श से ता बज़्म-ए इमकां है चराग़ां ही चराग़ां
या नबी सलाम अलेका या रसूल सलाम अलेका
या हबीब सलाम अलेका सलावत उल्ला अलेका
सलसबील ए हौज़े कौसर ख़ुल्द का हर इक गुले तर
अर्शो-कुर्सी माहो-अख़्तर सबके-सब तुम पर निछावर
या नबी सलाम अलेका या रसूल सलाम अलेका
या हबीब सलाम अलेका सलावत उल्ला अलेका
हर सहर ख़ुर्शीद-ए-ख़ावर और हर शब माहो अख़्तर
सू-ए रौज़ा सर झुका कर अर्ज़ करते हैं बराबर
या नबी सलाम अलेका या रसूल सलाम अलेका
या हबीब सलाम अलेका सलावत उल्ला अलेका
काश जाग उट्ठे मुकद्दर काश हो वह दिन मयस्सर
सर झुका कर आस्तां पर यूं कहूं बा-दीदा-ए-तर
या नबी सलाम अलेका या रसूल सलाम अलेका
या हबीब सलाम अलेका सलावत उल्ला अलेका
बा खुलूसो बा अक़ीदत सब हैं हाज़िर पेशे ख़िदमत
हो कुबूल है शाहे उम्मत हदिया-ए अहले मोहब्बत
या नबी सलाम अलेका या रसूल सलाम अलेका
या हबीब सलाम अलेका सलावत उल्ला अलेका
अब तो रहमत की नजर हो अब तो किस्मत को बना दो अपने मेराजे ह़ज़ीं को अब तो रौज़े पर बुला लो
या नबी सलाम अलेका या रसूल सलाम अलेका
या हबीब सलाम अलेका सलावत उल्ला अलेका
४. जनाब मौलाना जमील उर रहमान क़ादरी
उठो आया ताज वाला, अर्श की आंखों का तारा
सब कहो ऐ माह ए तैयबा, सलावातुल्लाह अ़लैका
या नबी सलाम अ़लैका या रसूल सलाम अ़लैका
या हबीब सलाम अ़लैका सलावातुल्लाह अ़लैका
आमना बीबी का जाया, बारहवीं तारीख़ आया
सुब्हो सादिक़ ने सुनाया, सलावातुल्लाह अ़लैका
अस्सलाम ऐ जान ए आलम, अस्सलाम ईमान ए आलम
शाह ए दीं सुल्तान ए आलम, सलावातुल्लाह अ़लैका
ख़ातिम ए दौर ए रिसालत, अख़्तर ए बुर्ज ए हिदायत
फ़ातहे बाब ए शफ़ाअ़त, सलावातुल्लाह अ़लैका
अस्सलाम ऐ शाह ए आ़ली, अस्सलाम उम्मत के वाली
अर्ज़ करते हैं सवाली, सलावातुल्लाह अ़लैका
नूह के तुम नाख़ुदा हो, ख़ल्क़ के मुश्किल कुशा हो
सब के तुम हाजत रवा हो, सलावातुल्लाह अ़लैका
बख़्श दो मेरी ख़ताएं, दूर हों ग़म की घटाएं
भेज दो अपनी अ़ताएं, सलावातुल्लाह अ़लैका
हूं फंसा अफ़्कार ए ग़म में, घिर गया रंजो अलम में
देर क्या अब है करम में, सलावातुल्लाह अ़लैका
कुफ़्र् को तुमने मिटाया, ख़ाक़ में उसको मिलाया
दीन का डंका बजाया, सलावातुल्लाह अ़लैका
अब तो तैबा में बुलालो, हसरतें दिल की निकालो
अपने बद को भी निभा लो, सलावातुल्लाह अ़लैका
दिल में रंग अपना जमा दो, पर्दा ए ग़फलत उठा दो
बक्त़ ए ख़्वावीदा जगा दो, सलावातुल्लाह अ़लैका
जान निकले इस तरह पर, आप का दर हो मेरा सर
सामने हो क़ब्र् ए अनवर, सलावातुल्लाह अ़लैका
जांकनी के वक़्त आना, कलमा ए तय्यब पढ़ाना
चेहरा ए अनवर दिखाना, सलावातुल्लाह अ़लैका
ऐ शफ़ीए़ रोज़ ए महशर, हैं स्याह इसियां से दफ़्तर
ग़ौस का सदक़ा करम कर, सलावातुल्लाह अ़लैका
कुछ न की हमने कमाई, उम्र सब यूं ही गंवाई
ऐ अरब वाले दुहाई, सलावातुल्लाह अ़लैका
हश्र में तुम बख़्शवाना, अपने दामन में छुपाना
हर मुसीबत से बचाना, सलावातुल्लाह अ़लैका
ऐ शहंशाह ए रिसालत, हैं यहां जो अहल ए सुन्नत
ता-अबद सब पर हो रहमत, सलावातुल्लाह अ़लैका
दीन का हो बोलबाला, सुन्नियों का रख उजाला
दुश्मनों का मुंह हो काला, सलावातुल्लाह अ़लैका
बानी ए महफिल की आक़ा, इल्तिजा मक़बूल फ़रमा
पूरी हो हर इक तमन्ना, सलावातुल्लाह अ़लैका
इस जमील ए क़ादरी पर, हो करम महबूब ए दावर
चश्मो दिल कर दो मुनव्वर, सलावातुल्लाह अ़लैका
या नबी सलाम अ़लैका या रसूल सलाम अ़लैका
या हबीब सलाम अ़लैका सलावातुल्लाह अ़लैका
—–
५. अलग-अलग शायरों के शेर
आपका तशरीफ़ लाना वक़्त भी कितना सुहाना
जगमगा उट्ठा ज़माना हूरें गाती थीं तराना
या नबी सलाम अलैका या रसूल सलाम अलैका
या हबीब सलाम अलैका सलावातुल्लाह अलैका
आप सुल्तान ए मदीना रहमतुल्लिल आ़लमीना
या शफ़ीअ़ल मुज़नबीना थामिए मेरा सफ़ीना
या नबी सलाम अलैका या रसूल सलाम अलैका
या हबीब सलाम अलैका सलावातुल्लाह अलैका
काश हासिल हो हुज़ूरी दूर हो जाए ये दूरी
देख लूं वह शक्ल-ए नूरी दिल की हसरत हो ये पूरी
या नबी सलाम अलैका या रसूल सलाम अलैका
या हबीब सलाम अलैका सलावातुल्लाह अलैका
आख़िरी लम्हे जब आएं काश वह तशरीफ़ लाएं
अपने जलवों में गुमाएं झूम कर हम गुनगुनाएं
या नबी सलाम अलैका या रसूल सलाम अलैका
या हबीब सलाम अलैका सलावातुल्लाह अलैका
तुम हबीबे किबरिया हो और इमाम उल अंबिया हो
दो जहां के पेशवा हो शाफ़ए रोज़ ए जज़ा हो
या नबी सलाम अलैका या रसूल सलाम अलैका
या हबीब सलाम अलैका सलावातुल्लाह अलैका
मर्ज़-ए इसियां को मिटाना नेक तुम मुझको बनाना
राह-ए सुन्नत पर चलाना अपनी उल्फ़त में गुमाना
या नबी सलाम अलैका या रसूल सलाम अलैका
या हबीब सलाम अलैका सलावातुल्लाह अलैका
कर्बला वालों का सदक़ा नाज़ से पालों का सदक़ा
दुख भरे नालों का सदक़ा भीक दो लालों का सदक़ा
या नबी सलाम अलैका या रसूल सलाम अलैका
या हबीब सलाम अलैका सलावातुल्लाह अलैका
तुम शफ़ीअ़ल मुज़नबीं हो, सरवर-ए दुनिया-ओ-दीं हो
स़ादिक़-उल-वअ़दो-अमीं हो, रहमतुल्लिल आ़लमीं हो
या नबी सलाम अलैका या रसूल सलाम अलैका
या हबीब सलाम अलैका सलावातुल्लाह अलैका
मुस्तफ़ा ख़ैरुलवरा हो सरवरे हर-दो-सरा हो
अपने अच्छों का तस़द्दुदक़ हम बदों को भी निभाओ
या नबी सलाम अलैका या रसूल सलाम अलैका
या हबीब सलाम अलैका सलावातुल्लाह अलैका
अज़ तुफ़ैले ग़ौसे आज़म, गंज बख़्श-ए फ़ैज़-ए आलम
सदक़ा-ए इमामे आज़म दूर हों सभी के रंजो ग़म
या नबी सलाम अलैका या रसूल सलाम अलैका
या हबीब सलाम अलैका सलावातुल्लाह अलैका
वास्ता ग़ौस़ुल-वरा का वास्ता ख़्वाजा पिया का
वास्ता कुल औलिया का ग़म न हो रोज़-ए-जज़ा का
या नबी सलाम अलैका या रसूल सलाम अलैका
या हबीब सलाम अलैका सलावातुल्लाह अलैका
मर्ज़-ए इसियां को मिटाना नेक तुम मुझको बनाना
राह-ए सुन्नत पर चलाना अपनी उल्फ़त में गुमाना
या नबी सलाम अलैका या रसूल सलाम अलैका
या हबीब सलाम अलैका सलावातुल्लाह अलैका
आख़िरी लम्हे जब आएं काश वह तशरीफ़ लाएं
अपने जलवों में गुमाएं झूम कर हम गुनगुनाएं
या नबी सलाम अलैका या रसूल सलाम अलैका
या हबीब सलाम अलैका सलावातुल्लाह अलैका
रहमतुल्लिल आलमीना हो अ़ता ऐसा क़रीना
देखकर मीठा मदीना इश्क में पड़ जाए सीना
या नबी सलाम अलैका या रसूल सलाम अलैका
या हबीब सलाम अलैका सलावातुल्लाह अलैका
जश्न ए मीलादुन्नबी है नूर की चादर तनी है
रौशनी ही रौशनी है हर तरफ़ ये धूम मची है
या नबी सलाम अलैका या रसूल सलाम अलैका
या हबीब सलाम अलैका सलावातुल्लाह अलैका
रूह जब तन से जुदा हो माहे रमज़ां दिन जुमा हो
दोपहर से दिन ढला हो लब पे जारी यह सदा हो
या नबी सलाम अलैका या रसूल सलाम अलैका
या हबीब सलाम अलैका सलावातुल्लाह अलैका
ऐ शहंशाह ए ज़माना आपका यह आस्ताना
रहमतों का है ख़ज़ाना हो निगाह-ए मेहरबाना
या नबी सलाम अलैका या रसूल सलाम अलैका
या हबीब सलाम अलैका सलावातुल्लाह अलैका
यह करम शाहे-ज़मन हो ख़ाली जब रूह से बदन हो
आपके शहर का कफ़न हो और मदीने में दफ़न हो
या नबी सलाम अलैका या रसूल सलाम अलैका
या हबीब सलाम अलैका सलावातुल्लाह अलैका
ऐ मेरे मौला के प्यारे नूर की आंखों के तारे
अब किसे सैय्यद पुकारे हम तुम्हारे तुम हमारे
या नबी सलाम अलैका या रसूल सलाम अलैका
या हबीब सलाम अलैका सलावातुल्लाह अलैका
वास्ता आल-ओ-अबा का सदक़ा हज़रत फ़ातिमा का
और शहीदे कर्बला का ग़म न हो रोज़े जज़ा का
या नबी सलाम अलैका या रसूल सलाम अलैका
या हबीब सलाम अलैका सलावातुल्लाह अलैका
अशरफ़ी शैदा तुम्हारा अशरफ़ी आक़ा तुम्हारा
करके दुनिया से कनारा रखता है तुमसे सहारा
या नबी सलाम अलैका या रसूल सलाम अलैका
या हबीब सलाम अलैका सलावातुल्लाह अलैका
हश्र में सरकार आना मेरे एबों को छुपाना
अपने रब से बख़्शवाना साथ जन्नत में बसाना
या नबी सलाम अलैका या रसूल सलाम अलैका
या हबीब सलाम अलैका सलावातुल्लाह अलैका
ऐ हबीब ए रब्ब ए दावर अज़ पए सिद्दीक़-ए अकबर
अज़ पए उस्मान ओ हैदर चश्मे तर दो क़ल्ब-ए मुज़तर
या नबी सलाम अलैका या रसूल सलाम अलैका
या हबीब सलाम अलैका सलावातुल्लाह अलैका
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६. जनाब बुरहान उल हक़ जबलपुरी साहब 1892-1985
अस्सलाम ऐ नूर ए रहमत अस्सलाम ऐ शान-ए रिफ़अ़त अस्सलाम ऐ जान ए मिल्लत अस्सलाम ईमान ए उम्मत
या नबी सलाम अलैका या रसूल सलाम अलैका
या हबीब सलाम अलैका सलावातुल्लाह अलैका
जिब्-रईल आए हैं दर पर रब का कुछ पैग़ाम लेकर
आए हैं मह़बूब-ए दावर हक़ का अब मेहमान बन कर
या नबी सलाम अलैका या रसूल सलाम अलैका
या हबीब सलाम अलैका सलावातुल्लाह अलैका
ख़्वाब शह फरमा रहे हैं और मलायक आ रहे हैं
तलवे वह सहला रहे हैं और कहते जा रहे हैं
या नबी सलाम अलैका या रसूल सलाम अलैका
या हबीब सलाम अलैका सलावातुल्लाह अलैका
बर्क़ था बुराक़ क्या था! इक क़दम अक़्सा में पहुंचा
हर नबी था दस्त-बस्ता और ज़बां पर था ये नारा
या नबी सलाम अलैका या रसूल सलाम अलैका
या हबीब सलाम अलैका सलावातुल्लाह अलैका
मालिक-ए मुल्क-ए शफ़ाअ़त सैय्यद ए यौम ए क़यामत
नैय्यर ए बुर्ज ए सआ़दत गौहर ए दर्ज-ए सयादत
या नबी सलाम अलैका या रसूल सलाम अलैका
या हबीब सलाम अलैका सलावातुल्लाह अलैका
रहमतों का ताज उनका दो जहां पे राज उनका
साज था मेअ़्राज उनका रब्बे-सल्लिम बाज उनका
या नबी सलाम अलैका या रसूल सलाम अलैका
या हबीब सलाम अलैका सलावातुल्लाह अलैका
मज़हर-ए अव्वल व आख़िर रहमते बातिन व ज़ाहिर
पेश-ओ-पस निगरान-ओ-नाज़िर हम सलामी को है हाज़िर
या नबी सलाम अलैका या रसूल सलाम अलैका
या हबीब सलाम अलैका सलावातुल्लाह अलैका
अपने गिरतों को संभालो, नफ़्स ओ शैतां से छुड़ा लो
अपना ही बंदा बना लो, नार ए दोज़ख़ से बचा लो
या नबी सलाम अ़लैका या रसूल सलाम अ़लैका
या हबीब सलाम अ़लैका सलावातुल्लाह अ़लैका
कुफ़्र के पहले थे फेरे, शिर्क़ था आलम को घेरे
फैले जब अनवार तेरे, मिट गए सारे अंधेरे
या नबी सलाम अ़लैका या रसूल सलाम अ़लैका
या हबीब सलाम अ़लैका सलावातुल्लाह अ़लैका
आप से सारा जहां है, आपका कौनो-मकां है
जो अयां है और निहां है, उनकी रहमत का निशां है
या नबी सलाम अ़लैका या रसूल सलाम अ़लैका
या हबीब सलाम अ़लैका सलावातुल्लाह अ़लैका
दावर ए महशर के आगे, पर्दा मेरा खुल न जाए
अपने दामन में छुपा ले, मैं तेरी रहमत के सदक़े
या नबी सलाम अ़लैका या रसूल सलाम अ़लैका
या हबीब सलाम अ़लैका सलावातुल्लाह अ़लैका
मख़ज़न ए जूदो सख़ावत, मंबा ए रुशदो हिदायत
मर्जए सिदक़ो अ़दालत, मालिक ए शरओ़ सियादत
या नबी सलाम अलैका या रसूल सलाम अलैका
या हबीब सलाम अलैका सलावातुल्लाह अलैका
बन्दा ए बेदाम बुरहां, थाम कर मुर्शिद का दामां
शर्म से नअ़ला ओ गिरियां, अपनी बख़्शिश का है ख़्वाहां
या नबी सलाम अलैका या रसूल सलाम अलैका
या हबीब सलाम अलैका सलावातुल्लाह अलैका
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Ya Nabi salamalayka (Salam huzoor MashaAllah Bahut khub bhai maine aaj se pehle eak sath itni best aur eak sath itni lambi Salam Sharif nhi dekhi apne bahut mehnat ki hai MashaAllah ❤️ MashaAllah MashaAllah dil khush ho gya
Allah Pak apko majeed tarakki ata kre)….
Alhamdulillahi Rabbil Aalameen.
Assalato wassalamo Alaika Ya Rasool Allah s.a.w.
Assalamualaikum bhai
Aap ki taareef ne dil khush kar diya.
Insha Allah is Salaam me majeed izaafa kiya jaayega.. hamaari research jaari hai. Aap se majeed dua ki guzarish hai
Bahesti zever