मदीने का सफ़र है और मैं नमदीदा नमदीदा लिरिक्स इन हिंदी | Naat Lyrics in Hindi
मदीने का सफ़र है और मैं नमदीदा नमदीदा
जबीं अफ़सुर्दा अफ़सुर्दा, क़दम लग़ज़ीदा लग़ज़ीदा
चला हूं एक मुजरिम की तरह मैं जानिब-ए-तैबा
नज़र शर्मिंदा शर्मिंदा, बदन लरज़ीदा लरज़ीदा
किसी के हाथ ने मुझको सहारा दे दिया वर्ना
कहां मैं! और कहां यह रास्ते पेचीदा पेचीदा
ग़ुलामान-ए-मोहम्मद ﷺ दूर से पहचाने जाएंगे
दिल ए गिरवीदा गिरवीदा, सर ए शोरीदा शोरीदा
कहां मैं और कहां उस रौज़ा-ए-अक़दस का नज़्ज़ारा
नज़र उस सिम्त उठती है मगर दुज़दीदा दुज़दीदा
मदीने जा के हम समझे तक़द्दुस किसको कहते हैं
हवा पाकीज़ा पाकीज़ा, फ़ज़ा संजीदा संजीदा
बस़ारत खो गई लेकिन बस़ीरत तो सलामत है
मदीना हमने देखा है मगर नादीदा नादीदा
वही इक़बाल जिस को नाज़ था कल ख़ुश मिज़ाजी पर
फ़िराक़ ए तैबा में रहता है अब रंजीदा रंजीदा
कलाम: प्रोफेसर सैयद इक़बाल अज़ीम
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