बारहवीं का नूर दिल पे छा गया Lyrics | Ashfaq Attari

बारहवीं का नूर दिल पे छा गया लिरिक्स


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बारहवीं का नूर दिल पे छा गया
आ गए नबी, आ गए नबी

सरकार की आमद मरहबा
सरदार की आमद मरहबा
मुख़्तार की आमद मरहबा
ग़मख़्वार की आमद मरहबा
आक़ा की आमद मरहबा
दाता की आमद मरहबा
मौला की आमद मरहबा
मल्जा की आमद मरहबा

बारहवीं का नूर दिल पे छा गया
आ गए नबी, आ गए नबी
नूर से सजा अ़र्श-ए-किब्रिया
आ गए नबी, आ गए नबी

 

परचमों की है बहार
है खुशी ये शानदार,
हर तरफ़ बरस रही है
रह़मतों की जो फुआर,
हर तरफ़ समां कैफ़ से भरा
आ गए नबी, आ गए नबी।

बारहवीं का नूर दिल पे छा गया
आ गए नबी, आ गए नबी
नूर से सजा अ़र्श-ए-किब्रिया
आ गए नबी, आ गए नबी

 

हर ग़ुलाम-ए-मुस्तफ़ा
कह रहा है मरहबा,
इन्स-ओ-जिन फ़िरिश्ते हूर
हो रहे हैं सब फ़िदा,
शान की अदा चेहरा चांद सा
आ गए नबी, आ गई नबी।

बारहवीं का नूर दिल पे छा गया
आ गए नबी, आ गए नबी
नूर से सजा अ़र्श-ए-किब्रिया
आ गए नबी, आ गए नबी।

 

मस्ती-ओ-सुरूर में बज़्म-ए-कायनात है,
आशिकों में धूम है, जश्न वाली रात है,
सज गई ज़मीं अ़र्श सज गया,
आ गए नबी, आ गए नबी।

 

नूर-ए-निगाह-ए-अम्बिया
मेरे हुज़ूर आ गए
शान-ओ-निशान-ए-किब्रिया
मेरे हुज़ूर आ गए।

 

सरकार की आमद मरहबा
सरदार की आमद मरहबा
मुख़्तार की आमद मरहबा
ग़मख़्वार की आमद मरहबा
आक़ा की आमद मरहबा
दाता की आमद मरहबा
मौला की आमद मरहबा
मल्जा की आमद मरहबा

 

रब्बे हबली उम्मती लब पे है दुआ सजी,
रब ने भी करम किया ये दुआ क़बूल की,
फिर न क्यूं गदा सारे हों फ़िदा,
आ गए नबी, आ गए नबी।

बारहवीं का नूर दिल पे छा गया
आ गए नबी, आ गए नबी
नूर से सजा अ़र्श-ए-किब्रिया
आ गए नबी, आ गए नबी।

 

बीबी आमिना का घर
नूर से है सर-ब-सर,
आ गए हैं रोशनी में
शाम के महल नज़र,
जाने आमिना नूरे किब्रिया,
आ गए नबी, आ गए नबी।

बारहवीं का नूर दिल पे छा गया
आ गए नबी, आ गए नबी
नूर से सजा अ़र्श-ए-किब्रिया
आ गए नबी, आ गए नबी

 

हो मुबारक आज ताज वाले आक़ा आ गए,
जिनकी मिल्कियत में दो जहान सब समां गए,
मालिक-ए-जहां नेमत-ए-ख़ुदा,
आ गए नबी, आ गए नबी।

बारहवी का नूर दिल पे छा गया
आ गए नबी, आ गए नबी
नूर से सजा अ़र्श-ए-किब्रिया
आ गए नबी, आ गए नबी

 

फ़ानी-ए-हज़ीं का घर भी
क़ुमक़ुमों से सज गया,
आरज़ू है झूमकर लबों पे आए ये सदा,
क़ब्र में तुझे देखकर शहा,
आ गए नबी, आ गए नबी।

बारहवी का नूर दिल पे छा गया
आ गए नबी, आ गए नबी
नूर से सजा अ़र्श-ए-किब्रिया
आ गए नबी, आ गए नबी

 

Kalam: Barawein Ka Noor Dil Pe Chha Gaye
Naat Khwan: Muhammad Ashfaq Attari


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