निहां पर्दो में है जल्वों की ताबानी नहीं जाती

निहां पर्दो में है जल्वों की ताबानी नहीं जाती

Nihaan Pardon Me Hai Lyrics In Hindi

Artist: Abdulla Bin Abbas
Lyrics: Mufti Muhammad Taqi Usmani


Click Here For English Lyrics

 

निहां पर्दों में है जल्वों की ताबानी नहीं जाती
वो हस्ती खुद को मनबाती तो जानी नहीं जाती

 

ये मयखाना है इसमे हम से दीवानों की चलती है
यहां अक़्ल-ओ-ख़िरद की सरवरी मानी नहीं जाती

 

निहां पर्दों में है जल्वों की ताबानी नहीं जाती
वो हस्ती खुद को मनबाती तो जानी नहीं जाती

 

रहे उलफ़त में अक्सर मरहले ऐसे भी आते हैं
पाओं रुक के थक जाते हैं जौलानी नहीं जाती

 

निहां पर्दों में है जल्वों की ताबानी नहीं जाती
वो हस्ती खुद को मनबाती तो जानी नहीं जाती

 

कमन्दें डाल रक्खी हैं मेरी हिम्मत ने तारों पर
मगर अब तक दिले नादां की नादानी नहीं जाती

 

निहां पर्दों में है जल्वों की ताबानी नहीं जाती
वो हस्ती खुद को मनबाती तो जानी नहीं जाती

 

हर इक सूरज निकलता है निराली रौनक़ें लेकर
मगर फिर भी दिले वीरां की वीरानी नहीं जाती

 

निहां पर्दों में है जल्वों की ताबानी नहीं जाती
वो हस्ती खुद को मनबाती तो जानी नहीं जाती

 

जबीं ए शौक़ को या रब बस अपना आस्तां दे दे
के मुझसे दर बदर की ख़ाक़ अब छानी नहीं जाती

 

निहां पर्दों में है जल्वों की ताबानी नहीं जाती
वो हस्ती खुद को मनबाती तो जानी नहीं जाती

 

ये इ़ल्म-ओ-आ’गही आसी कहाँ ले आये हैं मुझको
के मुझसे खुद अपनी शक्ल पहचानी नहीं जाती

 

निहां पर्दों में है जल्वों की ताबानी नहीं जाती
वो हस्ती खुद को मनबाती तो जानी नहीं जाती

 


निहां पर्दो में है


Hindi And English lyrics

Qawwali |

Sabri Brothers | Nusrat Fateh Ali Khan | Rahat Fateh Ali Khan | Iqbal Afzal Sabri | Aziz Miyañ |Nazir Ejaz Faridi |  Ghous Muhammad Nasir | Maulvi Ahmad Hasan |

 

Naat-E-Paak|

Khalid Mahmud ‘Khalid’ Allama Saim Chishti  | Bedam Warsi | Ajmal Sultanpuri Naat  | Ala Hazrat Naat | Akhtar Raza Khan| Raaz Ilaahabadi | Muhammad Ilyas Attari | Sayyad Nazmi Miyan

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *