ऐ साक़िए मयख़ाना दीवाना बना देना लिरिक्स | Aye saqiye maikhana deewana bana dena lyrics in Hindi | Sufiyana qawwali lyrics | Arifana Kalaam
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जिद पर आ जाए तो रुख फिर दे तूफानों के
तुमने देखे नहीं तेवर अभी दीवानों के।
ऐ साक़िए मयख़ाना, दीवाना बना देना
ऐ साक़िए मयख़ाना दीवाना बना देना
जितनी भी मैकदे में है साक़ी पिला दे आज
हम तिश्ना काम ज़ोह्द के सहरा से आए हैं।
ऐ साक़ी ए मयख़ाना दीवाना बना देना,
फिर दूसरा इक मयकश मुझसा न बना देना।
हर सिम्त तेरी सूरत आ जाए निगाहों में
तौहीद की मस्ती में मस्ताना बना देना।
पीना हराम है न पिलाना हराम है
पीने के बाद होश में आना हराम है।
तौहीद की मस्ती में मस्ताना बना देना।
तौहीद की मस्ती में मस्ताना बना देना।
इक जाम के पीने से क्या ख़ाक मज़ा आए
तुम अपनी निगाहों को मैखाना बना देना।
मेरे साक़ी ये तमाशा तेरे मयखाने का
सारी महफ़िल को नशा एक ही पैमाने का
चश्म ए साक़ी है उधर और मेरा दिल है इधर
आज टकराव है पैमाने से पैमाने का।
तुम अपनी निगाहों को मैयख़ाना बना देना।
तुम अपनी निगाहों को मैयख़ाना बना देना।
लाहूत की मंज़िल से आगे है सफर मेरा
मतलूब को तालिब का दीवाना बना देना।
मैं दार से देता हूं आवाज अनल हक की
इस सर को भी ऐ मौला नजराना बना देना।
मैं राह ए हक़ीक़त का इक राज़ ए हक़ीक़त हूं
इक राज़ ए हकीकत हूं..
इक राज़ ए हकीकत हूं..
बशर के रूप में इक राज़ ए किबरिया हूं मैं
समझ सके न फ़रिश्ते वह फ़लसफ़ा हूं मैं
मैं वह बशर हूं फरिश्ते जिसे किए सजदा
अब इसके आगे ख़ुदा जाने और क्या हूं मैं।
इक राज़ ए हकीकत हूं..
इक राज़ ए हकीकत हूं..
हकीकत माननी पड़ती है, मनवाई नहीं जाती
इक राज़ ए हकीकत हूं..
इक राज़ ए हकीकत हूं..
मैं राह ए हक़ीक़त का इक राज़ ए हक़ीक़त हूं,
मेरा न ज़माने में अफसाना बना देना।
तुम होश की दुनिया में दीवाने को मत लाओ,
मैं क़तरा हूं क़तरे को तुर्दा * न बना देना
महताब ने जलने से मस्तों को सिखाया है
तौहीद-व-रिसालत का काशाना बना देना।
पीरा दिल ए ख़स्ता की बस इतनी तमन्ना है
ऐ शम्मा ए हक़ मुझको परवाना बना देना।
*तुर्दा – लुग़त (dictionary) में तुर्द के मानी- दूर करना या हांकना मिलते हैं। अगर आपको और भी मानी पता हैं तो बराए करम कमेंट बॉक्स में बताएं।