ए री सखी मोरे पिया घर आए, भाग लगे इस आंगन को | ae ri sakhi more Piya Ghar, bhaag lage is aangan ko lyrics in Hindi
Kalam e Khwaja Amir Khusro r.a
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ए री सखी मोरे पिया घर आए
ए री सखी मोरे पिया घर आए
भाग लगे इस आंगन को
अपने पिया के मैं बल-बल जाऊं
चरन लगायो निर्धन को।
मैं तो खड़ी थी आस लगाए,
मेंहदी कजरा मांग सजाए।
देख सूरतिया अपने पिया की,
हार गई मैं तन मन को।
जिसका पिया संग बीते सावन,
उस दुल्हन की रैन सुहागन।
जिस सावन में पिया घर नाहीं,
आग लगे उस सावन को।
अपने पिया को मैं किस विध पाऊं,
लाज की मारी मैं तो डूबी डूबी जाऊं
तुम ही जतन करो ऐ री सखी री,
मैं मन भाऊं साजन को।
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Hindi And English lyrics
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ऐ री सखी मोरे पिया घर आए
ऐ री सखी मोरे पिया घर आए
भाग लगे इस आंगन को
बल-बल जाऊं मैं अपने पिया के
चरन लगायो निर्धन को।
मैं तो खड़ी थी आस लगाए,
मेंहदी कजरा मांग सजाए।
देख सूरतिया अपने पिया की,
हार गई मैं तन मन को।
जिसका पिया संग बीते सावन,
उस दुल्हन की रैन सुहागन।
जिस सावन में पिया घर नाहीं,
आग लगे उस सावन को।
अपने पिया को मैं किस विध पाऊं,
लाज की मारी मैं तो डूबी डूबी जाऊं
तुम ही जतन करो ऐ री सखी री,
मैं मन भाऊं साजन को।