Sara Bharat Khwaja Ka Ghulam Hai Lyrics Hindi

Sara Bharat Khwaja Ka Ghulam Hai Lyrics In Hindi

सारा भारत ख़्वाजा का ग़ुलाम है

English Lyrics

 

मोईनुद्दीन वली ए शहे ईराक़ो हिजाज़
तेरी जनाब में मह़मूद से हज़ारों अयाज़

 

हर एक सिम्त से बस आ रही है ये आवाज़
मनअम ग़रीब दयारो तूई ग़रीब नवाज़

 

हिन्द में जो ख़्वाजा तेरे दम से इस्लाम
इसी लिये सारा भारत आपका ग़ुलाम

 

हर मज़हब के लोग तेरे आस्तां पे आते हैं
मन की मुरादें तेरे दर से ही पाते हैं

 

तेरा सदक़ा मेरे ख़्वाजा घर घर में आम है
इसी लिये सारा भारत आपका ग़ुलाम है

 

सारा भारत आपका ग़ुलाम है, ग़ुलाम है
सारा भारत आपका ग़ुलाम है, ग़ुलाम है

 

दुनिया ख़िलाफ़ हो ये शिकायत नहीं मुझे
तेरे सिवा किसी की ज़रूरत नहीं मुझे

 

सारा भारत आपका ग़ुलाम है, ग़ुलाम है
सारा भारत आपका ग़ुलाम है, ग़ुलाम है

 

क़ुतुबुद्दीन, फरीजुद्दीन, निजामुद्दीन

हर एक इन मे से ख़्वाजा बन गया ख़्वाजा परस्ती में

 

सारा भारत आपका ग़ुलाम है,ग़ुलाम है
सारा भारत आपका ग़ुलाम है,ग़ुलाम है

 

तुम्हारी चश्मे करम हो तो काम हो जाए
अदा से देख लो क़िस्सा तमाम हो जाए

तुम्हारे दर पे मैं करता हूँ इसलिये सज्दे
न जाने कौन से सज्दे में काम हो जाए

 

सारा भारत आपका ग़ुलाम है, ग़ुलाम है
सारा भारत आपका ग़ुलाम है, ग़ुलाम है

 

दुनिया सलाम करती है हैरत की बात है
मैं कुछ नहीं हूँ ये तेरी निस्बत की बात है

 

सारा भारत आपका ग़ुलाम है,ग़ुलाम है
सारा भारत आपका ग़ुलाम है,ग़ुलाम है

 

जब तक बिका न था तो कोई पूछता न था
तुमने ख़रीद कर मुझे अनमोल कर दिया

 

निराली शान या ख़्वाजा तेरे दरबार की देखी
बिगड़ जाये जो क़िस्मत वोह तेरे दर पर बनी देखी

गली तेरी रसूलुल्लाह की गली जैसी देखी
सख़ावत में मेरे ख़वाजा तेरी दरिया दिली देखी

तुझे देते नहीं देखा मगर झोली भरी देखी, बस

 

सारा भारत आपका ग़ुलाम है,ग़ुलाम है
सारा भारत आपका ग़ुलाम है,ग़ुलाम है

 

साहब जी सुल्तान जी तुम बड़े ग़रीब नवाज़
अपना करके राखियो सो बांह गहे की लाज

 

सारा भारत आपका ग़ुलाम है, ग़ुलाम है
सारा भारत आपका ग़ुलाम है, ग़ुलाम है

 

चो सगअम कमीना सगाने तो
व जे़ जुमला बे क़दर् अम वले
ब दरद के जुज़ दरे पाके तो
ब दरे दिगर ग़ुज़रे न शुद

 

हर कस वसीला दारदो मा बे वसीला ए
मारा वसीला नेस्त बजुज़ आस्ताने तो
या ग़रीब नबाज़

 

कुछ ये तो कहा जाये के सब कुछ तो यहीं है
बाहर तेरे कूचे के न दुनिया है न दीं है

 

तुम्हारे दर पे पड़ा रहूंगा
पड़े ही रहने से काम होगा
कभी तो क़िस्मत खुलेगी मेरी
कभी तो मेरा सलाम होगा

 

हिन्द में जो ख़्वाजा तेरे दम से इस्लाम
इसी लिये सारा भारत आपका ग़ुलाम

 

हिन्द में जो ख़्वाजा तेरे दम से इस्लाम
इसी लिये सारा भारत आपका ग़ुलाम

 

हर मज़हब के लोग तेरे आस्तां पे आते हैं
मन की मुरादेें तेरे दर से ही पाते हैं

तेरा सदक़ा मेरे ख़्वाजा घर घर में आम है
इसी लिये सारा भारत आपका ग़ुलाम

 

तेरे ख़्याल को सीने में पाल रखा है
यही निजात का रस्ता निकाल रखा है

यहां की फ़िक्र वहां का ख़्याल रखा है
अकेले दोनों जहां को संभाल रखा है

 

तेरा सदक़ा मेरे ख़्वाजा घर घर में आम
इसीलिये सारा भारत आपका ग़ुलाम

 

सारा भारत आपका ग़ुलाम है,ग़ुलाम है
सारा भारत आपका ग़ुलाम है,ग़ुलाम है

 

ऐ वाली-ए अजमेर तेरी क्या शान लगे है
ख़ादिम तेरे दर का मुझे सुल्तान लगे है

 

सारा भारत आपका ग़ुलाम है, ग़ुलाम है
सारा भारत आपका ग़ुलाम है, ग़ुलाम है

 

तुम से अच्छा कौन है दिल लो जिगर लो जान लो

हम तेरे इक़बाल से चलते हैं सीना तान कर
नाज़ हो जाता है बन्दा तेरा कहलाने के बाद

हज़ारो मजमा ए ख़ूबाने माहे रू होगा

निगाह जिस पर ठहर जायेगी वोह तू होगा

 

सारा भारत आपका ग़ुलाम है, ग़ुलाम है
सारा भारत आपका ग़ुलाम है, ग़ुलाम है.

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