पैसा बोलता है लिरिक्स : कव्वाली साबरी ब्रदर्स द्वारा

पैसा बोलता है लिरिक्स : कव्वाली साबरी ब्रदर्स द्वारा

कव्वाली: साबरी ब्रदर्स

रचना: मक़बूल साबरी

Paisa Bolta Hai Qawwali By Sabri Brothers Lyrics


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(एक तमही़द के तौर पे शेर, पेशे – ख़िदमत है।)

समझ, समझ के, समझ को समझो, समझ, समझना भी, एक समझ है

समझ समझ के भी, जो न समझे, मेरी समझ में, वो नासमझ है।

(इसकी गहराइयों में मत जाइए, ज़रा अल्फ़ाज़ को मुलाहिज़ा कीजिए)

 

इन्हीं चांदी के चमकते हुए अंगारों में

चीख़ उठती है जवानी इन्हीं झंकारों में

 

ज़र के बन्दों ने बड़ा शोर मचा रखा है

य़ानी, सोने – चांदी का यहां जाल बिछा रखा है।

 

बात गै़रत की अगर आई, तो यूं टाल दिया

और, शर्म की लाश पे, दौलत का कफ़न डाल दिया।

 

आप जब तक ये ज़र लुटाएंगे…

आप जब तक ये ज़र लुटाएंगे, आपके जे़रे-दस्त है दुनियां

खींच कर हाथ, तजुर्बा करलो, कितनी मतलब परस्त है दुनिया।

 

तो, संसार में बाजे ढोल..

(आपने अमूमन ये बात सुनी होगी, के लोग सवाल करते हैं, पैसे का। लेकिन पैसा सवाल कर रहा है, इंसानों से )

(पैसा क्या कहता है?)

संसार में बाजे ढोल, ये दुनिया मेरी तरह है गोल

के पैसा बोलता है..के पैसा बोलता है..

के पैसा बोलता है..के पैसा बोलता है..

के पैसा बोलता है..के पैसा बोलता है..

के पैसा बोलता है…

 

संसार में बाजे ढोल, ये दुनिया मेरी तरह है गोल

के पैसा बोलता है..के पैसा बोलता है..

के पैसा बोलता है..के पैसा बोलता है..

के पैसा बोलता है..के पैसा बोलता है..

के पैसा बोलता है…

 

संसार में बाजे ढोल

संसार में बाजे ढोल, ये दुनिया मेरी तरह है गोल

के पैसा बोलता है..के पैसा बोलता है..

के पैसा बोलता है..के पैसा बोलता है..

पैसा बोलता है.. कैसा बोलता है..

पैसा बोलता है…कैसा बोलता है..

 

का़रून ने मुझको पूजा था

कारून ने मुझको पूजा था

फिरऔ़न भी मेरा शैदा था

फिरऔ़न भी मेरा शैदा था

फिरऔ़न भी मेरा शैदा था

 

(सब तारीखी बात है)

शद्दाद की जन्नत मुझसे बनी

शद्दाद की जन्नत मुझसे बनी

नमरुद की ताक़त मुझसे बढ़ी

नमरुद की ताक़त मुझसे बढ़ी

नमरुद की ताक़त मुझसे बढ़ी

 

जब चढ़ गया मेरा खु़मार

जब चढ़ गया मेरा खु़मार

जब चढ़ गया मेरा खु़मार

ख़ुदा के हो गए दावेदार

के पैसा बोलता है..के पैसा बोलता है..

के पैसा बोलता है..के पैसा बोलता है..

के पैसा बोलता है..के पैसा बोलता है..

के पैसा बोलता है..के पैसा बोलता है..

के पैसा बोलता है

 

(समात फरमाएं)

हर शख़्स है मेरे चक्कर में

है मेरी ज़रूरत घर-घर में

है मेरी ज़रूरत घर-घर में

है मेरी ज़रूरत घर-घर में

 

जिसे चाहूं वो खुशहाल बने

जिसे चाहूं वो खुशहाल बने

जिसे ठुकरा दूं, कंगाल बने

जिसे ठुकरा दूं, कंगाल बने

जिसे ठुकरा दूं, कंगाल बने

 

ये शीश-महल, ये शान

ये शीश-महल, ये शान

मेरे दम से पाएं धनवान

के पैसा बोलता है..के पैसा बोलता है..

के पैसा बोलता है..के पैसा बोलता है..

के पैसा बोलता है..के पैसा बोलता है..

के पैसा बोलता है..के पैसा बोलता है..

के पैसा बोलता है..के पैसा बोलता है..

 

(क्या बोलता है?)

के, मैं आपस में, लड़वाता हूं

मैं आपस में, लड़वाता हूं

मैं आपस में, लड़वाता हूं

लालच में, गला कटवाता हूं

लालच में, गला कटवाता हूं

लालच में, गला कटवाता हूं

 

जहां मेरा साया लहराए

जहां मेरा साया लहराए

कस्तूरी ख़ून भी छुप जाए

कस्तूरी ख़ून भी छुप जाए

कस्तूरी ख़ून भी छुप जाए

 

(जहां मेरा साया लहराए वहां, कस्तूरी ख़ून भी छुप जाए)

क्यूं,

मैं कह देता हूं साफ़

मैं कह देता हूं साफ़

मेरे हाथों में है, इंसाफ

के पैसा बोलता है..के पैसा बोलता है..

के पैसा बोलता है..के पैसा बोलता है..

के पैसा बोलता है..के पैसा बोलता है..

के पैसा बोलता है..के पैसा बोलता है..

के पैसा बोलता है..

 

(हां साब बड़े मज़े की बात है! पैसा क्या बोलता है!)

कहीं हदिया हूं, कहीं रिश्वत हूं,

कहीं हदिया हूं, कहीं रिश्वत हूं,

कहीं हदिया हूं …

कहीं हदिया हूं …

कहीं हदिया हूं, कहीं रिश्वत हूं,

कहीं ग़ुण्डा टैक्स की सूरत हूं

कहीं ग़ुण्डा टैक्स की सूरत हूं

कहीं ग़ुण्डा टैक्स की सूरत हूं

कहीं ग़ुण्डा टैक्स की सूरत हूं

 

कहीं हदिया हूं, कहीं रिश्वत हूं,

कहीं हदिया हूं, कहीं रिश्वत हूं,

कहीं ग़ुण्डा टैक्स की सूरत हूं

कहीं ग़ुण्डा टैक्स की सूरत हूं

 

कहीं मस्जिद का मैं चंदा हूं

कहीं मस्जिद का मैं चंदा हूं

कहीं जान का गोरख-धंधा हूं

कहीं जान का गोरख-धंधा हूं

कहीं जान का गोरख धंधा हूं

 

वो हैं पक्के मेरे यार..

हैं पक्के मेरे यार, मौलवी, पंडित, थानेदार

के पैसा बोलता है..के पैसा बोलता है..

के पैसा बोलता है..के पैसा बोलता है..

के पैसा बोलता है..के पैसा बोलता है..

के पैसा बोलता है..के पैसा बोलता है..

के पैसा बोलता है..के पैसा बोलता है..

 

(दुबारा बोलो, जी? दुबारा ‌बोलो)

कहीं हदिया हूं,

कहीं रिश्वत हूं,

कहीं ग़ुण्डा टैक्स की सूरत हूं

 

कहीं मस्जिद का मैं चंदा हूं

कहीं जान का गोरख धंधा हूं

कहीं जान का गोरख धंधा हूं

कहीं जान का गोरख धंधा हूं

 

हैं पक्के मेरे यार…

हैं पक्के मेरे यार, मौलवी, पंडित, थानेदार

के पैसा बोलता है..के पैसा बोलता है..

के पैसा बोलता है..के पैसा बोलता है..

के पैसा बोलता है..के पैसा बोलता है..

 

(क्या बोलता है? अहा!)

जब लीडर में बन जाता हूं

जब लीडर में बन जाता हूं

जब लीडर में बन जाता हूं

चक्कर में क़ौम को लाता हूं

चक्कर में क़ौम को लाता हूं

चक्कर में क़ौम को लाता हूं

चक्कर में क़ौम को लाता हूं

 

फिर ऐसा जाल बिछाता हूं

फिर ऐसा जाल बिछाता हूं

फिर ऐसा जाल बिछाता हूं

के मन की मुरादें पाता हूं

के मन की मुरादें पाता हूं

के मन की मुरादें पाता हूं

 

मैं जिस पे लगा दूं नोट..

मैं जिस पे लगा दूं नोट

न जाए बाहर उसका वोट

के पैसा बोलता है..के पैसा बोलता है..

के पैसा बोलता है..के पैसा बोलता है..

के पैसा बोलता है..के पैसा बोलता है..

 

मैं जिस पे लगा दूं नोट

न जाए बाहर उसका वोट

के पैसा बोलता है..के पैसा बोलता है..

के पैसा बोलता है..के पैसा बोलता है..

के पैसा बोलता है..

 

(हाॅ साब, समाअ़त फ़रमायें, बड़े मज़े की बात है! शायर ने किसी को नहीं छोड़ा। और अपने आप को बचा रहा)

(आख़िरी बंध समाअ़त फ़रमाइए)

हर साज़ में है, संगीत मेरा

हर साज़ में है, संगीत मेरा

फ़नकार के लब पर, गीत मेरा

फ़नकार के लब पर, गीत मेरा

फ़नकार के लब पर, गीत मेरा

 

हर रक़्स में है रफ़्तार मेरी

हर रक़्स में है रफ़्तार मेरी

हर घुंघरू में झन्कार मेरी

हर घुंघरू में झन्कार मेरी

हर घुंघरू में झन्कार मेरी

 

ये मह़फ़िल, ये सुर-ताल

ये मह़फ़िल, ये सुर-ताल

हो गाने वाली या क़व्वाल

के पैसा बोलता है..के पैसा बोलता है..

के पैसा बोलता है..के पैसा बोलता है..

के पैसा बोलता है..के पैसा बोलता है..

के पैसा बोलता है..

 

ये मह़फ़िल, ये सुर-ताल

ये मह़फ़िल, ये सुर-ताल

हो गाने वाली या क़व्वाल

के पैसा बोलता है..के पैसा बोलता है..

के पैसा बोलता है..के पैसा बोलता है..

 

(शायर ने सब को घेर लिया। लेकिन ख़ुद अपने आप को बचा रहा। तख़ल्लस करते हैं ‘साइल आज़ाद’। शायर का नाम है ‘साइल आज़ाद’)

कोई ‘साइल’ था आबाद रहा

मेरी ज़ुल्फ़ों से आज़ाद रहा

 

कोई ‘साइल’ था आबाद रहा

मेरी ज़ुल्फ़ों से आज़ाद रहा

 

हर दौर में ज़िंदाबाद रहा

हर दौर में ज़िंदाबाद रहा

हर दौर में ज़िंदाबाद रहा

 

और दोनों जग में शाद रहा

और दोनों जग में शाद रहा

और दोनों जग में शाद रहा

 

तो, रब बख़्शे जिसे ईमान

रब बख़्शे जिसे ईमान

छुड़ाए मुझसे अपनी जान

के पैसा बोलता है..के पैसा बोलता है..

के पैसा बोलता है..के पैसा बोलता है..

के पैसा बोलता है..के पैसा बोलता है..

के पैसा बोलता है..के पैसा बोलता है..

के पैसा बोलता है..के पैसा बोलता है..

के पैसा बोलता है..के पैसा बोलता है..

के पैसा बोलता है..के पैसा बोलता है..

के पैसा बोलता है।

के पैसा बोलता है लिरिक्स


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