कभी तो छटेगा फज़ा से अंधेरा कव्वाली लिरिक्स | साबरी ब्रदर्स

कभी तो छटेगा फज़ा से अंधेरा कव्वाली लिरिक्स | Kabhi To Chhatega Faza Se Andhera Qawwali Lyrics In Hindi

कव्वाल: साबरी ब्रदर्स


English Lyrics 

जब भी ‘बोल’ तू बोल रे बंदे, पहले उसको तोल
‘बोल’ ही पकड़े जाएंगे तेरे ‘बोलों’ का है मोल
‘बोल’ बहुत अनमोल हैं लेकिन ‘बोल’ ही खोलें पोल
अरे! बोलने वाले दाना है तो बोल बड़े ना बोल।

 

इसमें, मयख़ाने की तौहीन है, रिंदों की हतक है
कमज़ोर के हाथों में अगर जाम दिया जाय

जो ज़रा-सी पी के बहक गया उसे मयकदे से निकाल दो
क्यूं के,
यहां कम नज़र का गुज़र नहीं, यहां अहले ज़र्फ़ का काम है

 

क्यूं के,
यहां के आदाब और हैं, ज़रा संभल कर तवाफ़ करना
ये हुस्न की मंडी है वाइज, माक़ाम-ए-दैर-ओ-ह़रम नहीं है।

 

वो देख चराग़ों के शोले मंज़िल से इशारा करते हैं

क्यूं के,
खुलूस ए दिल के सज्दे राएगां जाया नहीं करते
और, मोहब्बत करने वाले ग़म से घबराया नहीं करते।

वो देख चिराग़ों के शोले मंज़िल से इशारा करते हैं
अरे! तू हिम्मत हारे जाता है, हिम्मत कहीं हारा करते हैं!

 

कभी तो छटेगा फज़ा से अंधेरा
कभी तो मधुर चांदनी रात होगी

 

कभी तो छटेगा फज़ा से अंधेरा
कभी तो मधुर चांदनी रात होगी
कभी तो जलेंगे चराग़े मोहब्बत
किसी रोज़ उनसे मुलाक़ात होगी।

 

(अल्फ़ाज़ की बंदिश, समात फरमाएं)
अगर दम-ब-दम वो हमें याद आएं
शबे ग़म की तारीक तन्हाइयों में,
जो बिखरेंगी जुल्फें तो छाएंगे बादल
जो टपकेंगे आंसू तो बरसात होगी।

 

ग़ज़ब है इधर मेरी जां पे बनी है
उधर उनके पांवों में मेहदी लगी है,
अगर ऐसे आलम में भी तुम न आए
तो क्या हश्र के दिन मुलाक़ात होगी।

 

(शने-ग़ज़ल शेर है)
मरीज़-ए-मोह़ब्बत का है वक़्त-ए-आख़िर
ख़ुदा के लिए अब तो आजाओ, वर्ना!
अगर तुम ना आए, ऐ जाने मसीहा
तो ये रात फिर आख़िरी रात होगी।

 

(समाअ़त फरमाएं)
जुदाई के लम्हे करीब आ रहे हैं
सितारों के दिल डूबते जा रहे हैं
इधर आओ तुमको गले से लगा लूँ
ख़ुदा जाने फिर कब मुलाक़ात होगी।

 

क्यूं के,
ये दुनियां दुरंगी, अजब इसकी बातें
अगर प्यार मांगों तो हसरत मिलेगी
चमन ज़िन्दगी के हजारों खिलेंगे
मगर सिर्फ़ दिल की कली ना खिलेगी।

 

फ़ज़ा चुप, घटा चुप, ज़मीं-आसमां चुप
चमन चुप, कली चुप, है और कहकशां चुप,
उधर वो भी चुप हैं, इधर मैं भी चुप हूं
इलाही मेरी रात कैसे कटेगी!

 

कहीं गीत गूंजेंगे शहनाइयों के
कहीं आहो-ज़ारी, कहीं शोरो- मातम,
किसी का कहीं से जनाज़़ा उठेगा
किसी घर से दुल्हन की डोली उठेगी।

 

लगे हर क़दम पर हसीनों के मेले
किसी ने भी मक़बूल इतना ना पूछा
कहां जारहे हो अकेले अकेले?
रहे ज़िन्दगी यूं ना तनहा कटेगी।


Urdu, Hindi And English lyrics

Qawwali |

Sabri Brothers | Nusrat Fateh Ali Khan | Rahat Fateh Ali Khan | Iqbal Afzal Sabri | Aziz Miyañ |Nazir Ejaz Faridi |  Ghous Muhammad Nasir | Maulvi Ahmad Hasan |

 

Naat-E-Paak|

Khalid Mahmud ‘Khalid’ Allama Saim Chishti  | Bedam Warsi | Ajmal Sultanpuri Naat  | Ala Hazrat Naat | Akhtar Raza Khan| Raaz Ilaahabadi | Muhammad Ilyas Attari | Sayyad Nazmi Miyan

Kabhi to chatega faza se andhera lyrics in Hindi,

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