Khwaja Tum Bin Jiya Jaye Na Lyrics

Khwaja Tum Bin Jiya Jaye Na Lyrics

ख्वाजा तुम बिन जिया जाए ना Lyrics

 

 

 

करे वो लाख होशियारी तो होशियारी नहीं चलती
मोहब्बत चलती है लेकिन रियाकारी नहीं चलती
तबन्गर हो या मुफ़लिस उस जगह झुकना ही पड़ता है
मेरे ख़्वाजा के दर पर कोई ख़ुद्दारी नहीं चलती

 

क़िस्मत के बदलने में क्यूं देर मेरे ख़्वाजा
क़दमों में बुला लीजे अजमेर मेरे ख़्वाजा

ख्वाजा..
ख्वाजा.. तुम बिन जिया जाए ना
हो..जिया जिया जाए ना
ख्वाजा.. तुम बिन जिया जाए ना
हो..जिया जिया जाए ना

 

हर साल सोचते हैं
हर साल सोचते हैं ख़्वाजा से ये कहेंगे
पर सामने रौजे़ के
पर सामने रौजे़ के कुछ भी तो कहा जाए ना

ख्वाजा.. तुम बिन जिया जाए ना
हो.. जिया जाए ना
ख्वाजा.. तुम बिन जिया जाए ना
हो..जिया जिया जाए ना

 

ख़्वाजा तेरी गलियों की
ख़्वाजा जी….

ख़्वाजा तेरी गलियों की ये शान जुदा देखी
हर मांगने वाले के लब पर ये सदा देखी
तुमसे बिछड़ के ख़्वाजा मर मर के जी रहे हैं
आंखों में अश्क भर के दीवाने कह रहे हैं

ख्वाजा.. तुम बिन जिया जाए ना
हो..जिया जिया जाए ना
ख्वाजा.. तुम बिन जिया जाए ना
हो..जिया जिया जाए ना

 

या गरीब नवाज …
हालांकि ज़माने में हैं दरबार हज़ारों
हम चिश्तियों को चिश्तिया दरबार चाहिए
दुनिया के हसीनों से भला हमको क्या ग़रज़
हमको तुम्हारे रौजे़ का दीदार चाहिए

ख्वाजा.. तुम बिन जिया जाए ना
हो..जिया जिया जाए ना
ख्वाजा.. तुम बिन जिया जाए ना
हो..जिया जिया जाए ना

 

मस्ती न कैसे आए के मस्ताना कर दिया
लबरेज़ मेरा, देखिए पैमाना कर दिया
दुनिया की ख़बर हमको ना उक़बा का फ़िक्र कुछ
ख़्वाजा तुम्हारे प्यार ने दीवाना कर दिया

ख्वाजा.. तुम बिन जिया जाए ना
हो..जिया जाए ना
ख्वाजा.. तुम बिन जिया जाए ना
हो..जिया जिया जाए ना

 

(देखलो अजमेर में वलियों का रेला आ गया
कोई सफ़ के साथ तो कोई अकेला आ गया
हो मुबारक चिश्तियो खुशियां मनाओ झूम कर
रहमतें लेकर मेरे ख़्वाजा का मेला आ गया)

 

शोहरत का नशा सर से उतर जाना चाहिए
मसरूफ़ियत से अपनी मुकर जाना चाहिए
ख्वाजा का उर्स ए पाक हो और हम ना हों शरीक
बेहतर है ऐसे जीने से मर जाना चाहिए

ख्वाजा.. तुम बिन जिया जाए ना
हो..जिया जाए ना
ख्वाजा.. तुम बिन जिया जाए ना
हो..जिया जाए ना

 

कांटै हैं मगर सूरत ए गुल बनके खिलेंगे
अनवार ए तरीक़त से भी मर कर न हटेंगे
क्यूं ढूंढते हो शाही ठिकानों पे तुम हमें
हम लोग तो अजमेर की गलियों में मिलेंगे

ख्वाजा.. तुम बिन जिया जाए ना
हो..जिया जाए ना
ख्वाजा.. तुम बिन जिया जाए ना
हो..जिया जाए ना

 

या गरीब नवाज़
ख्वाजा जी.. ख्वाजा जी.. ख़्वाजा जी

निस्बत के जगमगाते ये जुगनू भी कह उठे
कुछ लोगों के चलते हुए जादू भी कह उठे
क्या एकता है देखिए हिंदुस्तान में
मुस्लिम ही नहीं बल्कि ये हिंदू भी कह उठे

ख्वाजा.. तुम बिन जिया जाए ना
हो..जिया जाए ना
ख्वाजा.. तुम बिन जिया जाए ना
हो..जिया जाए ना

 

अगर न होता तेरा आस्तां ग़रीब नवाज़
ग़रीब का था ठिकाना कहां ग़रीब नवाज़
समझ में आएगा इमदाद कैसे होती है
ज़रा तड़प के पुकारो तो या ग़रीब नवाज़

ख्वाजा.. तुम बिन जिया जाए ना
हो..जिया जाए ना
ख्वाजा.. तुम बिन जिया जाए ना
हो..जिया जिया जाए ना

तुम बिन जिया जाए ना
तुम बिन जिया जाए ना
तुम बिन जिया जाए ना

Qawwal: Rais Anis Sabri

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