Aisa Lagta Hai Ajmer Aa Kar Ham Madine Meiñ Aaye Hue Haiñ Lyrics Hindi
Qawwal : Ghulam Sabir Ghulam Waris
जिसे ख़्वाजा बुलाते हैं वोही अजमेर आता है
दरे ख़्वाजा से अपनी झोलियां भर भर के लाता है
पहुंचता है दरे ख़वाजा पे जो तक़दीर का मारा
उसे तकसीन मिलती है मुक़द्दर जागता है।
ख़्वाजा… मेरे ख़्वाजा
ख़्वाजा… मेरे ख़्वाजा
रहमतें आ गयीं हैं वहीं से
हम पे वलियों के साये हुए हैं
ऐसा लगता है अजमेर आकर
हम मदीने में आये हुए हैं।
ख़्वाजा… मेरे ख़्वाजा
ख़्वाजा… मेरे ख़्वाजा
ख़्वाजा अजमेर के आस्तां पर
नूर की बारिशें हो रही हैं
ऐसा महसूस होता है जैसे
आक़ा तशरीफ़ लाए हुए हैं।
ख़्वाजा… मेरे ख़्वाजा
ख़्वाजा… मेरे ख़्वाजा
रंजो ग़म ख़्वाजा दिल के मिटा दो
बिगड़ी क़िस्मत को ख़्वाजा बना दो
वास्ता है तुम्हें पंजतन का
हम जहां के सताये हुए हैं।
ख़्वाजा… मेरे ख़्वाजा
ख़्वाजा… मेरे ख़्वाजा
तुम हो मौला अली की निशानी
है हुसैनी घराना तुम्हारा
लाज रह जाये साबिर की ख़्वाजा
हाथ हम भी उठाए हुए हैं।
ख़्वाजा… मेरे ख़्वाजा
ख़्वाजा… मेरे ख़्वाजा
है छटी आज ख़्वाजा पिया की
हम भी दामन फ़ैलाए हुए हैं
मांगने सदक़ा मौला अली का
मंगते अजमेर आये हुए हैं।
ऐसा लगता है अजमेर आकर
हम मदीने में आये हुए हैं ….
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