हिन्द ज़िन्दाबाद Hind Zindabad Lyrics | Dr Prashant Shah | Republic day

हिन्द ज़िन्दाबाद Hind Zindabad Lyrics – Dr Prashant Shah – Republic day 2023

 

लाशा मेरा कफ़न का मोहताज ना होगा

मैं यूं लिपट के तिरंगे में आऊंगा देखना

 

कल तुम करोगे नाज़ मेरी क़ुर्बानी पर

रुत्बा शहीद का मैं पाऊंगा देखना

 

रो कर ना करो विदा फ़र्ज़ निभाने दो

मुस्कुरा कर दो रज़ा आज जाने दो

 

हिन्द ज़िन्दाबाद, हिन्द ज़िन्दाबाद

 

देश की मिट्टी की इस खुशबू में महके जान-ओ-तन

ये ज़मी है इक चमन बाशिंदा जिसका गुलबदन

 

कांप उठ्ठे सुनते ही थर्राए दुश्मन का बदन

नाम ही काफ़ी है जिसका ऐसा है मेरा वतन

 

हिन्द ज़िन्दाबाद, हिन्द ज़िन्दाबाद

तू रहे आबाद हिंद ज़िन्दाबाद

हिन्द ज़िन्दाबाद, हिन्द ज़िन्दाबाद

तू रहे आबाद हिन्द ज़िन्दाबाद

 

बन के माथे पर कोई मिट्टी को होता फ़िदा

जान देकर सरहदों पर हक़ वो करता है अदा

 

मट्टी में जज़्बात की, हम सीख लें एहसास को

आ मिला लें दिल से दिल आवाज़ से आवाज़ को

 

हम भी कुर्बां होके दिखला दे मोहब्बत का टशन

नाम ही काफ़ी है जिसका ऐसा है मेरा वतन

 

हिन्द ज़िन्दाबाद, हिन्द ज़िन्दाबाद

तू रहे आबाद हिन्द ज़िन्दाबाद

हिन्द ज़िन्दाबाद, हिन्द ज़िन्दाबाद

तू रहे आबाद हिन्द ज़िन्दाबाद

 

धरती मां के गीत को! हर क़तरा, कूका गाता है

देने को हरदम सलामी हाथ उठता जाता है

 

हिन्द की रौशन हमेशा आंखों में तस्वीर है

मैं यहां जन्मा हूं बेशक़ ये मेरी तकदीर है

 

जान से प्यारा तेरा नाम और ज़मीं है जाने-मन

नाम ही काफ़ी है जिसका ऐसा है मेरा वतन

 

हिन्द ज़िन्दाबाद, हिन्द ज़िन्दाबाद

तू रहे आबाद हिन्द ज़िन्दाबाद

हिन्द ज़िन्दाबाद, हिन्द ज़िन्दाबाद

तू रहे आबाद हिन्द ज़िन्दाबाद

Republic day Special 2023
26 January 2023 New Kalam

 

तिरंगा प्यारा By Farmani Naaz

वतन पर हो जाऊं कुर्बान

मेरी जान जाए वतन के लिए

अरमानों के फूल खिलेंगे new Song

खुद ही को मिटा के जो लाए अमन