शाहे जीलां बमने ज़ारो परेशां मददे लिरिक्स

शाहे जीलां बमने ज़ारो परेशां मददे कव्वाली लिरिक्स

English

कव्वाल: ग़ौस मुहम्मद नासिर

मनम् अदना गदा ए ग़ौसुल आज़म

फ़क़ीर अम् बादशाहे ग़ौसुल आज़म

 

शाहे जीलां बमने ज़ारो परेशां मददे

शाहे जीलां ब मने ज़ारो परेशां मददे

 

शाहे जीलां.. या अब्दुल क़ादर जीलानी

शाहे जीलां.. या मह़बूबे सुब्हानी

 

शाहे जीलां ब मने ज़ारो परेशां मददे

नूर ए ऐनैन ए नबी, सैय्यद ओ सुल्तां मददे।

 

मा ग़रीबेम ग़रीब उल् वतनी ऐ आक़ा

चश्म ए रहमत ब कुशा सूए ग़रीबां मददे

 

चश्म ए रहमत… या अब्दुल क़ादर जीलानी

चश्म ए रहमत… या मह़बूबे सुब्हानी

चश्म ए रहमत ब कुशा सूए ग़रीबां मददे।

 

हाज़िर अम् बर दरे पाके व बसद् रंजो अलम

ऐ मसीहा ए ज़मा, ईसीए दौरां मददे।

 

बर दिले मुर्दा ए मन तक नज़रे लुत्फ़ बे कुन

पीरे पीराने जहां, मुर्शिद ए पाकां मददे।

 

अशरफ़ी आमद अज़र हालत ए पीरी ब दरद

दस्तगीरी ज़े कुने हामी ए पीरां मददे।

दीगर मनक़बत गौस ए आज़म

 

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