वो नवासा है नबी का Lyrics – Saif Raza Kanpuri

वो नवासा है नबी का Lyrics – Saif Raza Kanpuri

Wo Nawasa Hai Nabi Lyrics

 

अब इसके बाद कोई और फ़लसफ़ा भी नहीं
जो कर्बला में हुआ फिर कभी हुआ भी नहीं

 

अज़ीमुश्शान इबादत है देखिए तो ज़रा
नमाज़ हो गई सजदे से सर उठा भी नहीं

वो नवासा है नबी का
वो नवासा है नबी का

 

शब्बीर के जमाल में सूरत नबी की है
बस नाम है हुसैन का ताकत नबी की है

वो नवासा है नबी का
वो नवासा है नबी का

 

तुम समझे थे पानी के तलबगार खड़े हैं
सच ये है के कौसर के खरीदार खड़े हैं

वो नवासा है नबी का
वो नवासा है नबी का

 

आवाज़ दें तो जन्नती कौसर निकल पड़े
नहर ए फ़ुरात ख़ैमे के अन्दर निकल पड़े
वो सब्र का मक़ाम था वरना मेरा हुसैन
उंगली जहां लगा दे समंदर निकल पड़े

वो नवासा है नबी का
वो नवासा है नबी का

 

मौला अली ने इ़ल्म का दरिया बहा दिया
शब्बीर ने सितम का किला पल में ढा दिया
ज़हरा की तरबियत भी बड़ा काम कर गई
बेटे ने कर्बला को मदीना बना दिया

वो नवासा है नबी का
वो नवासा है नबी का

 

बैयत या सर यही था तकाज़ा यज़ीद का
मायूस फिर भी दर से सवाली नहीं गया
बैयत ना की हुसैन ने सर दे दिया उसे
इस दर से तो यज़ीद भी खाली नहीं गया

वो नवासा है नबी का
वो नवासा है नबी का

 

वो जिसके इंतिज़ार में रह़मत खड़ी रही
क़दमों में जिसके शान व शौकत खड़ी रही
सजदा मेरे हुसैन ने जब तक नहीं किया
मैदान ए कर्बला में शहादत खड़ी रही

वो नवासा है नबी का
वो नवासा है नबी का

 

असग़र को भी मुजाहिद ए अकबर कहूंगा मैं
ऐसा जहां में और कोई सूरमा नहीं
बस मुस्कुरा के रन में क़यामत मचा गया
ये ख़ैरियत हुई कि वो खुलकर हंसा नहीं

वो नवासा है नबी का
वो नवासा है नबी का

 

खूं से चराग़े दीन जलाया हुसैन ने
रस्म ए वफ़ा को खूब निभाया हुसैन ने

वो नवासा है नबी का
वो नवासा है नबी का

 

ख़ुद ने तो एक बूंद भी पानी नहीं पिया
कर्बोबला को खून पिलाया हुसैन ने

वो नवासा है नबी का
वो नवासा है नबी का

 

ऐसी नमाज़ कौन पड़ेगा जहान में
सज्दा किया तो सर ना उठाया हुसैन ने

वो नवासा है नबी का
वो नवासा है नबी का

 

Manqabat Khwan: Saif Raza Kanpuri


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