मतवारे तोरे नाम के कव्वाली लिरिक्स

मतवारे तोरे नाम के कव्वाली लिरिक्स | Matware Tore Naam Ke Hindi Lyrics

कव्वाल: ग़ुलाम फरीद साबरी और मकबूल अहमद साबरी


English | हिन्दी


दिलों की धड़कन में नाम उसका
नफ़स नफस में पयाम उसका

क़दम क़दम रहनुमाई उसकी
नज़र नज़र रूनुमाई उसकी

 

कहां रफीक़े सफ़र है ऐसा
वो अब्रे रहमत के साए जैसा

फ़क़ीर हो रह गुज़र का कोई
के शाह हो बहरो बर का कोई
उन्हीं की निस्बत से पल रहा है।

 

मतवारे तोरे नाम के…

मतवारे तोरे नाम के
हम और नहीं कछु काम के

 

ज़र्रे को जिसने मेहर बनाया
हमने उसी का है इश्क़ पाया

जब भी हमारा जी घबराया
चैन तुम्हारे नाम से आया।

मतवारे तोरे नाम के…

 

महबूब की उल्फ़त से कनारा न हुआ
तनहाई में बिन इसके गुज़ारा न हुआ

ख़ालिक़ ने रखा नाम ए मुहम्मद ﷺ ख़ालिस
नुकतों का भी बार इस पे गवारा न हुआ।

मतवारे तोरे नाम के…

 

इस नाम को अल्लाह ने तहरीर किया है
इस नाम को कुरआ़न से ताबीर किया है

इस नाम को आफाक़ की तक़दीर किया है
इस नाम पे कौनैन को तामीर किया है

ये नाम ए मुहम्मद ﷺ है मगर कैसे लिखा जाए
किस तरहां समंदर किसी कूज़े में समा जाए

मतवारे तोरे नाम के …

 

वो ख़त्मे रुसुल, मोहसिन ए कुल, आली नसब हैं
वो शाने करम, जाने ह़रम, फख़्र ए अरब हैं

वो लग़्ज़िशे आदम की तलाफी का सबब हैं
और अज़मतें उनकी अभी दरयाफ़्त तलब हैं

 

ये रम्ज़ ए ख़ुदा है इसे रहने दो यहीं तक
इस राज़ से वाक़िफ़ नहीं जिबरीले अमीं तक

 

इन्सा हैं मगर अजमते इंसा भी वोही हैं
बन्दे हैं मगर मज़हरे यज़दां भी वोही हैं

तौक़ीर ए हरम काबा ए इरफां भी वोही हैं
क़ुरआं भी वोही, हामिले क़ुरआं भी वोही हैं

उन जैसा यहां बादे ख़ुदा कोई नहीं है
सब कुछ हैं वोही उनके सिवा कोई नहीं है।

मतवारे तोरे नाम क…

 

कश्ती ए नूह में, नारे नमरुद में
बदने माही में यूनुस की फरयाद में

आप का नामे नामी ऐ सल्ले अला
हर जगह, हर मुसीबत में काम आ गया

मतवारे तोरे नाम …
हम और नहीं कछु काम के …

 

ना हम जानें माला जपना
पूजा से बैराग है अपना

धुन में मदनी श्याम के
हम और नहीं कछु काम के

मतवारे तोरे नाम के
हम और नहीं कछु काम के

धुन में मदनी श्याम के
हम और नहीं कछु काम के..

 

कहां पे रात कटी और कहां पे दिन गुज़रा

धुन में मदनी श्याम के
हम और नहीं कछु काम के..

 

सब रह-रवाने शौक़ वहां सर के बल चले

धुन में मदनी श्याम के
हम और नहीं कछु काम के।..

 

क़दम क़दम पे नमाजें, नजर नज़र में सलाम

धुन में मदनी श्याम के
हम और नहीं कछु काम के..

 

हम मैले और तुम हो पवित्तर
चरन छुएं तो किस विरते पर

हम तो वसफर नाम के
हम और नहीं कछु काम के

 

आओ ज़रा सपने में आओ
हम हैं अभागी, भाग जगाओ

सोए पड़े हैं जाम के
हम और नहीं कछु काम के

 

जाए कोई जब पी की नगरिया
रिम झिम बरसे नैन गगरिया..

तड़पते हैं मचलते हैं मेरे अरमान सीने में
रवां जब देखता हूं क़ाफ़िला हज के महीने में

 

जाए कोई जब पी की नगरिया
रिम झिम बरसे नैन गगरिया

रह जाएं दिल थाम के
हम और नहीं कछु काम के

 

मतवारे तोरे नाम के
हम और नहीं कछु काम के..

 

जब से प्रीत का जोड़ा पहना
आंसू आहें मन का गहना

चाकर हैं बे दाम के
हम और नहीं कछु काम के

 

मतवारे तोरे नाम के
हम और नहीं कछु काम के..

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