नाज़ां है जिस पे हुस्न लिरिक्स

नाज़ां है जिस पे हुस्न लिरिक्स वो हुस्न-ए-रसूल है कव्वाली लिरिक्स

Nazan hai jispe Husn Wo Husne Rasool Hai Qawwali by Sabri Brothers Lyrics in Hindi

कव्वाल: साबरी ब्रदर्स
शायर: मौलाना कौस़र नियाज़ी

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हुस्न की जान हो गया होगा
यानी ईमान हो गया होगा

जब बना होगा वो कद-ए-मौज़ूं
साया क़ुर्बान हो गया होगा।

 

नाज़ां है जिस पे हुस्न

नाज़ां है जिस पे हुस्न वो हुस्न-ए-रसूल है

 

नाज़ां है जिस पे हुस्न वो हुस्न-ए-रसूल है
आ….
नाजाँ है जिस पे हुस्न वो हुस्न ए रसूल है

 

देखो.. हुस्न-ए-रसूल है
देखो.. हुस्न-ए-रसूल…हुस्न-ए-रसूल

हुस्न-ए-रसूल है.. हुस्न-ए.. हुस्न-ए
हुस्न-ए-रसूल है.. है.. है . है
हुस्न-ए-रसूल है.. है.. है . है है

 

नाज़ां है जिस पे हुस्न वो हुस्न-ए-रसूल है
नाजाँ है जिस पे हुस्न वो हुस्न-ए-रसूल है
नाजाँ है जिस पे ह़ुस्न

 

उंगलियां उठने लगीं दूर से, वो आ पहुंचा
गरदनें झुकने लगीं सज्दे की ख़ातिर हर-जा

लोग कहने लगे, है साया-ए-ज़ात-ए-यकता
आदमी हमने तो इस शान का देखा न सुना

आदमी होता तो इस माह के साया होता
जिसका साया नहीं वो नूर ए ख़ुदा है, ब-ख़ुदा

बज्द के हाल में फिर झूम के रिज़वां बोला

 

नाजाँ है जिस पे हुस्न वो हुस्न-ए-रसूल है
नाज़ा है जिस पे हुस्न वो हुस्न-ए-रसूल है

 

ऐ जान-ए-मन, जानान-ए-मन
परवर-दिगर, सुल्तान-ए-मन

रुख़ तेरा जल्व-ए-मेहरेगन
ख़त तेरे सूरज की किरन

लब तेरे गुलबर्ग-ए-समन
साअत तेरे शम्मे-लगन

जुज़ ग़म तेरे क्या है चमन
बंदा तेरे, सुन ले अगन

बाज़ू तेरे मौज-ए-लबन
ऐ साकी ए शीनी बदन

ऐ शीन साकी, शीन तन
गुल बू क़बा, गुल पैरहन

गुल-बर्ग-ए-लब, गुंचा दहन
गेसू तेरे मुश्क-ए-ख़ुतन

क़द ज़ुल्मन-ए-बाग़-ए-इरम
सर-ता-क़दम नूर-ए-फिगन

तू इन्तिशार-ए-जान-ए-मन
बनकर बहार आई दुल्हन

 

हूरें कहती थीं के हम लेने को जाया करते
आप हर रोज़ इसी तरह से आया करते

पेशवाई के लिए धूम मचाया करते
आपको तख़्त-ए-जुमुर्रुद पे बिठाया करते

अपने कपड़ों को पसीने में बसाया करते
उनके क़दमों को हम आंखों से लगाया करते

अपनी बिगड़ी हुई तक़दीर बनाया करते
सामने होके खड़े, हम ये सुनाया करते

 

नाज़ां है जिस पे हुस्न वो हुस्न-ए-रसूल है
नाजाँ है जिस पे हुस्न वो हुस्न ए रसूल है

 

गए तो और भी लेकिन, न ता-अर्श-ए-बरीं पहुंचे
बशर की तो हकीक़त क्या, मलायक तक नहीं पहुंचे

दर-ए-जन्नत पे जब पहुंचे नबी कहने लगीं हूरें

नाज़ां है जिस पे हुस्न वो हुस्न-ए-रसूल है
नाजा है जिस पे हुस्न वो हुस्न ए रसूल है
नाजा है जिस पे हुस्न वो हुस्न ए रसूल है
नाजा है जिस पे हुस्न

 

गए अर्श पे जब, मेराज की शब
मौलाना मोहम्मद ﷺ, सैय्यदना

ये हूर-ओ-मलक में शोर उठा
ऐ सल्ले-अला, ऐ सल्ले-अला

दरिया-ए-मोहब्बत जोश में था
हर समत से आती थी ये सदा

 

नाज़ां है जिस पे हुस्न वो हु ए रसूल है
नाजा है जिस पे हुस्न

नाजा है जिस पे हुस्न वो हुस्न ए रसूल है
हां ….
नाजा है जिस पे हुस्न

 

हुस्न-ए-यूसुफ, दम-ए-ईसा, यद-ए-बैयज़ा-दारी
आं चे खूबां हमा दारंग तो तन्हां-दारी!

नाज़ां है जिस पे हुस्न वो हुस्न ए रसूल है
आ… हे.. री.. नाज़ां

नाजा है जिस पे हुस्न वो हुस्न-ए-रसूल है

ये कहकशां तो आपके क़दमों की धूल है
ये कहकशां तो आपके क़दमों की धूल है

 

आ…
ऐ रह-रवान-ए-शौक, यहां सर के बल चलो
ऐ रह-रवान-ए-शौक, यहां सर के बल चलो

 

न बढ़े अदब की हद से ये दयार ए मुस्तफा है
मेरी बेख़ुदी से कह दो यह मक़ाम होश का है

यहां सर के बल चलो …

 

अदबगाहेस्त ज़ेरे आसमां अज़ अर्श नाज़ुक तर
नफ़स गुम करदरीं आयद जुनैद ओ बायज़ीदी जां

यहां सर के बल चलो …

 

क़दम क़दम पे नमाज़ें
नज़र नज़र में सलाम

यहां सर के बल चलो..

 

मदीने जाने का जिस दम इरादा मैंने किया
तो हंसता खेलता इक काफ़िले के साथ चला

चुभे थे पावों में कांटे, तो थक के बैठ गया
पास आकर मेरे सालार-काफिले ने कहा

सर के बल चलो..
यहां सर के बल चलो..

 

ऐ रह-रवान-ए-शौक यहां सर के बल चलो
यहां सर के बल चलो..

 

नक़ाब उठेगी बुझेगी, नज़र की प्यास चलो
बस, सर के बल चलो..

यहां सर के बल चलो..

 

ऐ रह-रवान-ए-शौक यहां सर के बल चलो
क्यूं के,
तैबा के रास्ते का तो कांटा‌ भी फूल है

 

हर एक क़दम पे इसमें ज़ुरुरी है एहतियात
क्यूं के,
इश्क़-ए-बुतां नहीं है ये, इश्क़-ए-रसूल है

 

मिंबर हो या के दार, न जाएगी याद-ए-यार
ऐ दिल ये अह्ल-ए इश्क़-ओ-वफ़ा का उसूल है

 

बातिल के सामने न झुकाऊंगा सर कभी
मेरी नज़र में रुसवा-ए-इब्न-ए-बुतूल है

 

जाहिद ख़याल-ए-पैरवी-ए-मुस्तुफ़ा रहे
फिर उसके बाद तेरी इबादत कुबूल है

 

आईन-ए-मुस्तफा के सिवा, हल-ए-मुश्किलात
ये अक़्ल का फ़रेब, निगाहों की भूल है

 

उसपर नुज़ूल-ए-रहमत-ए-परवर-दिगार हो
कौसर फ़िराक़-ए-यार में
कौसर फ़िराक़-ए-दोस्त में, जो दिल मलूल है।

नाज़ां है जिस पे हुस्न वो हुस्न-ए-रसूल है

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Hindi And English lyrics

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