मंगता हूं ख़ैरुल-वरा कव्वाली लिरिक्स
Mangta Hoon Khairul-Wara Qawwali by Rahat Fateh Ali Khan Lyrics in Hindi
कव्वाल: उस्ताद राहत फतेह अली ख़ान
तख़य्युल में कौसर का जाम आ गया है
मेरा जज़्बा-ए-इश्क़ काम आ गया है
लिए आप के दर पे इसियान हज़ारां
करम की नज़र हो, गुलाम आ गया है।
मंगता हूं ख़ैरुल-वरा
सुन लो मेरी इल्तिजा
मेरे ग़म दूर करो
दिल को पुरनूर करो
कर दो करम मुस्तुफ़ा
मंगता हूं ख़ैर-उल-वरा
सुन लो मेरी इल्तिजा
हो करम सैय्यद-ए-मदीना
आक़ा मेरा बिगड़ा है क़रीना
ये नहीं दिल में,
हो तेरी हर नज़र मेरे लिए
इक नज़र काफी है तेरी,
उम्र भर मेरे लिए
हो करम सैय्यद ए मदीना
आक़ा मेरा बिगड़ा है करीना
स्याह गेसुओं वाले
स्याह कार हूं मैं
करम करम मेरे आका
गुनाहगार हूं मैं।
हो करम सैय्यद ए मदीना
आक़ा मेरा बिगड़ा है क़रीना
कर दूर इक नज़र से मेरी ख़स्ता हालियां
क़ायम रहें सदा तेरे रौज़े की जालियां
हो करम सैय्यद ए मदीना
आका मेरा बिगड़ा है करीना
(सरगम)
हो करम सैय्यद ए मदीना
आका मेरा बिगड़ा है करीना
ये लुत्फ़, ये तुम्हारा करम बेमिसाल है
इक इक गुनाहगार का तुमको ख़याल है
हो मेरे हाल पर भी निगाहे करम नवाज़
सरकार इक निगाहे करम का सवाल है।
हो करम सैय्यद ए मदीना
आका मेरा बिगड़ा है करीना
सदक़ा ए मौला अ़ली
भीख दो प्यारे नबी
भर जाए दामन मेरा
मंगता हूं.. तेरा मैं मंगता हूं
तेरा मैं मंगता हूं, तेरा मैं मंगता हूं
तेरा मैं, तेरा मैं, तेरा मैं मंगता हूं
तेरा मैं मंगता हूं, तेरा मैं मंगता हूं
तू है अ़ता का बादशाह
मैं हूं फ़क़ीर ए बे-नवां
दामन कुशादा हूं खड़ा
कीजे करम से सरफराज।
तेरा मैं मंगता हूं, तेरा मैं मंगता हूं
(सरगम)
तेरा मैं, तेरा मैं, तेरा मैं मंगता हूं
तेरा मैं मंगता हूं, तेरा मैं मंगता हूं
(सरगम)
तेरा मैं, तेरा मैं, तेरा मैं मंगता हूं
तेरा मैं मंगता हूं, तेरा मैं मंगता हूं
ज़रा दस्ते करम,
बाबे करम से आज सरकाओ
करम कीजे,
के मौहताज ए करम का आसरा तू है।
तेरा मैं मंगता हूं, तेरा मैं मंगता हूं
या रसूल ए ख़ुदा, तेरा मैं मंगता हूं
मैं भी मौहताज ए करम हूं या शाह ए दो-आलम
बस एक नज़र, सदका हसनैन इब्न ए अली का
या रसूल ए ख़ुदा, तेरा मैं मंगता हूं
करम करम शहे बत-हा, तुम्हें पुकारा है
ख़ुदा के बाद फ़क़त आप का सहारा है।
या रसूल ए ख़ुदा, तेरा मैं मंगता हूं
तेरा दस्त ए जूद दराज़ है
तेरा हर ग़ुलाम अयाज़ है
मुझे जिसके लुत्फ़ पे नाज़ है
वो तो तू ही बंदा नवाज़ है।
या रसूल ए ख़ुदा, तेरा मैं मंगता हूं
मंगता हूं ख़ैरुल-वरा
सुन लो मेरी इल्तिजा
इक नज़र जानिब ए गदा हो
सदका हसनैन का अता हो।
तेरी इक नज़र की बात है
मेरी ज़िन्दगी का सवाल है।
इक नज़र जानिब ए गदा हो
सदका हसनैन का अता हो।
या नबी मालिक ए कुल
आप हैं ख़त्म ए रुसुल
मैं हूं फ़कीर आपका
मंगता हूं ख़ैर-उल-वरा
सुन लो मेरी इल्तिजा
मुझ से गदा को भी निभाओ
या नबी कमली में छुपाओ
सारी दुनिया में मेरा
आपके दर के सिवा
कोई नहीं आसरा
मंगता हूं ख़ैरुल-वरा
सुन लो मेरी इल्तिजा
मैं फना, गुलाम ए पंजतन हूं
इश्क़ में नूर का चमन हूं।
फातिमा जाने अली
बाग़ ए वहदत की कली
ज़ेवर है इस्लाम का।
मंगता हूं ख़ैर-उल-वरा
सुन लो मेरी इल्तिजा
मंगता हूं ख़ैरुलवरा
सुन लो मेरी इल्तिजा
Hindi And English lyrics
| Naat-E-Paak | Ajmal Sultanpuri Naat | Ala Hazrat Naat |
| Qawwali | Sabri Brothers || Rahat Fateh Ali Khan |
| Sufi Song | Khailash Kher |